प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 125वीं जयंती पर दो स्मारक सिक्के जारी किए। बाबा साहेब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण के अवसर पर “10 रुपए” और “125 रुपए” के सिक्के जारी किए गए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कुछ ही व्यक्ति होते हैं, जो अपनी मृत्यु के 60 वर्ष के बाद भी लोगों की चेतना में जीवित रहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के समक्ष वर्तमान मुद्दों के संदर्भ में हम डॉ. अंबेडकर के विचारों का अधिक स्मरण करते हैं और हम उनकी परिकल्पना तथा समग्रता की उनकी सोच का अधिक सम्मान करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रति उनके योगदान को माना गया है, लेकिन उनके आर्थिक विचारों और दृष्टिकोण को अभी पूरी तरह से समझा नहीं गया है, जिसे सराहा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश में डॉ. अंबेडकर और भारत के संविधान की हमेशा चर्चा होनी चाहिए और 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाना इस दिशा में एक कदम है।
प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण, भारत के संघीय ढांचे, वित्त और शिक्षा जैसे विषयों पर डॉ. अंबेडकर के दृष्टिकोण की सराहना की।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री अरूण जेटली और श्री थावर चंद गहलोत भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कुछ ही व्यक्ति होते हैं, जो अपनी मृत्यु के 60 वर्ष के बाद भी लोगों की चेतना में जीवित रहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के समक्ष वर्तमान मुद्दों के संदर्भ में हम डॉ. अंबेडकर के विचारों का अधिक स्मरण करते हैं और हम उनकी परिकल्पना तथा समग्रता की उनकी सोच का अधिक सम्मान करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रति उनके योगदान को माना गया है, लेकिन उनके आर्थिक विचारों और दृष्टिकोण को अभी पूरी तरह से समझा नहीं गया है, जिसे सराहा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश में डॉ. अंबेडकर और भारत के संविधान की हमेशा चर्चा होनी चाहिए और 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाना इस दिशा में एक कदम है।
प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण, भारत के संघीय ढांचे, वित्त और शिक्षा जैसे विषयों पर डॉ. अंबेडकर के दृष्टिकोण की सराहना की।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री अरूण जेटली और श्री थावर चंद गहलोत भी उपस्थित थे।
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