सर्वोच्च नागरिक सम्मान / प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भारत रत्न
- नानाजी देशमुख और हजारिका को मरणोपरांत यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाएगा
- सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर तीन हस्तियों को भारत रत्न देने की घोषणा की
नई दिल्ली. केंद्र ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक नानाजी देशमुख और गायक भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को मरणोपरांत यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलेगा। 20 वर्ष बाद दो से ज्यादा हस्तियों को इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए चुना गया है।
इससे पहले 1999 में समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, सितार वादक पंडित रविशंकर, अर्थशास्त्री डॉ. अमर्त्य सेन और स्वतंत्रता सेनानी रहे गोपीनाथ बोरदोलोई को इस सम्मान के लिए चुना गया था। चार साल बाद भारत रत्न की घोषणा हुई है। इससे पहले 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और स्वतंत्रता सेनानी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्थापक मदन मोहन मालवीय को यह सम्मान दिया गया था। इससे पहले 45 हस्तियों को भारत रत्न सम्मान दिया जा चुका है। अब यह संख्या 48 हो गई है।
मोदी ने किए ट्वीट
"प्रणब दा हमारे समय के एक गजब के स्टेट्समैन रहे हैं। उन्होंने दशकों तक बिना थके और बिना किसी स्वार्थ के देश की सेवा की। देश के विकास में उन्होंने अपनी मजबूत छाप छोड़ी। उन्हें भारत रत्न दिए जाने की घोषणा से बहुत खुश हूं।"
"भूपेन हजारिका का संगीत और गीतों को कई पीढ़ियों के लोग सुनते आ रहे हैं। उन्होंने भारत की संगीत परंपरा को पूरी दुनिया में फैलाया।"
"नानाजी ने ग्रामीण विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया। उन्होंने ग्रामीण जीवन को नई दिशा दिखाई। वे असल भारत रत्न हैं।"
प्रणब ने वित्त, रक्षा और विदेश जैसे तीनों अहम मंत्रालय संभाले
प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के मिराती में हुआ था। 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया। इसके बाद 1982 में उन्हें कैबिनेट में वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। 1984 में राजीव गांधी से मतभेदों के बाद उन्होंने एक नई राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया। हालांकि, 1989 में यह पार्टी कांग्रेस में ही शामिल हो गई। इसके बाद पीवी नरसिम्हाराव की सरकार में उन्हें 1991 में योजना आयोग का प्रमुख और 1995 में विदेश मंत्री का कार्यभार दिया गया।
प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के मिराती में हुआ था। 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया। इसके बाद 1982 में उन्हें कैबिनेट में वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। 1984 में राजीव गांधी से मतभेदों के बाद उन्होंने एक नई राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया। हालांकि, 1989 में यह पार्टी कांग्रेस में ही शामिल हो गई। इसके बाद पीवी नरसिम्हाराव की सरकार में उन्हें 1991 में योजना आयोग का प्रमुख और 1995 में विदेश मंत्री का कार्यभार दिया गया।
2004 की यूपीए सरकार में प्रणब मुखर्जी पहली बार लोकसभा चुनाव जीते। 2004 से 2006 तक उन्होंने रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली। 2006-09 तक विदेश मंत्रालय और 2009-12 तक उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। 2012 में कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए नामित किया। राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने पीए संगमा को हराया। प्रणब 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति बनने से पहले करीब 5 दशक तक वह कांग्रेस में रहे थे। पिछले साल उनके नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जाने पर काफी विवाद हुआ था।
तिलक से प्रभावित होकर समाजसेवा में आए नानाजी
नानाजी देशमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक, समाजसेवी और भारतीय जनसंघ के नेता थे। उनका जन्म महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के कडोली नामक छोटे से कस्बे में 11 अक्टूबर 1916 को हुआ था। नानाजी बाल गंगाधर तिलक की राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित होकर समाज सेवा के क्षेत्र में आए। इसके बाद संघ के सरसंघचालक डॉ. केवी हेडगेवार के संपर्क में आए और फिर संघ के विभिन्न प्रकल्पों के जरिए पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में लगा दिया। मध्यप्रदेश का चित्रकूट उनकी कर्मभूमि बना।
1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तो उन्हें मोरारजी-मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। लेकिन उन्होंने यह कहकर पद ठुकरा दिया कि 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग सरकार से बाहर रहकर समाज सेवा का कार्य करें । वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया। अटलजी के कार्यकाल में ही उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 27 फरवरी 2010 को 95 वर्ष की आयु में नानाजी का निधन हो गया।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने गए थे हजारिका
8 सितंबर 1926 में असम के सादिया जिले में जन्मे भूपेन हजारिका की स्कूली शिक्षा गुवाहाटी में हुई। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) से पॉलिटिकल साइंस में बीए किया। 1949 में वह स्कॉलरशिप पर कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने गए। यहीं पर उनकी मुलाकात प्रियंवदा पटेल से हुई। 1950 में उन्होंने प्रियंवदा से शादी की थी। 1952 में उनके बेटे तेज का जन्म हुआ था। 1953 में हजारिका भारत लौटे। 5 नवंबर 2011 को उनका निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा में 5 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।
8 सितंबर 1926 में असम के सादिया जिले में जन्मे भूपेन हजारिका की स्कूली शिक्षा गुवाहाटी में हुई। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) से पॉलिटिकल साइंस में बीए किया। 1949 में वह स्कॉलरशिप पर कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने गए। यहीं पर उनकी मुलाकात प्रियंवदा पटेल से हुई। 1950 में उन्होंने प्रियंवदा से शादी की थी। 1952 में उनके बेटे तेज का जन्म हुआ था। 1953 में हजारिका भारत लौटे। 5 नवंबर 2011 को उनका निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा में 5 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।
10 साल की उम्र में पहला गाना लिखा था
हजारिका गायक, गीतकार और संगीतकार थे। 1977 में उन्हें पद्मश्री, 2001 में पद्मभूषण, 2012 में पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। 1936 में उन्होंने अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया था। 1939 में उन्होंने इंद्रमलाटी फिल्म के लिए दो गाने गाए । महज 13 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला गाना "अग्निजुगोर फिरिंगोति' लिखा था। हिंदी फिल्म रुदाली और दमन के उनके गीत बेहद लोकप्रिय रहे।
हजारिका गायक, गीतकार और संगीतकार थे। 1977 में उन्हें पद्मश्री, 2001 में पद्मभूषण, 2012 में पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। 1936 में उन्होंने अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया था। 1939 में उन्होंने इंद्रमलाटी फिल्म के लिए दो गाने गाए । महज 13 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला गाना "अग्निजुगोर फिरिंगोति' लिखा था। हिंदी फिल्म रुदाली और दमन के उनके गीत बेहद लोकप्रिय रहे।
बांग्लादेश सरकार ने दिया था मुक्ति योद्धा अवॉर्ड
1961 में उन्हें फिल्म शकुंतला के लिए बेस्ट फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला। इसके बाद 1975 में उन्हें फिल्म "चमेली मेमसाहब' के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया। 1987 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी, 1992 में दादा साहब फाल्के, 2009 में असम रत्न अवॉर्ड दिया गया। 2011 में बांग्लादेश सरकार ने उन्हें मुक्ति योद्धा अवॉर्ड से नवाजा। लोहित नदी पर बना ढोला-सादिया पुल भूपेन हजारिका के नाम पर रखा गया है।
1961 में उन्हें फिल्म शकुंतला के लिए बेस्ट फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला। इसके बाद 1975 में उन्हें फिल्म "चमेली मेमसाहब' के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया। 1987 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी, 1992 में दादा साहब फाल्के, 2009 में असम रत्न अवॉर्ड दिया गया। 2011 में बांग्लादेश सरकार ने उन्हें मुक्ति योद्धा अवॉर्ड से नवाजा। लोहित नदी पर बना ढोला-सादिया पुल भूपेन हजारिका के नाम पर रखा गया है।
भाजपा के टिकट पर लड़ा था चुनाव
2004 में हजारिका ने भाजपा ज्वाइन की। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में हजारिका ने गुवाहाटी से चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह इस चुनाव में कांग्रेस के कृपा चलीहा से हार गए थे।
Source :https://www.bhaskar.com
2004 में हजारिका ने भाजपा ज्वाइन की। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में हजारिका ने गुवाहाटी से चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह इस चुनाव में कांग्रेस के कृपा चलीहा से हार गए थे।
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