नई दिल्ली : बैंकिंग क्षेत्र में अगले 5 से 10 साल में 20 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि नए बैंक लाइसेंस जारी होने तथा रिजर्व बैंक व सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएं पहुंचाने के प्रयासों से बैंकिंग क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा। एक और खास बात यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के करीब 50 फीसदी कर्मचारी अगले कुछ साल में सेवानिवृत्त हो जाएगा। ऐसे में इन बैंकों में नई प्रतिभाओं की जरूरत होगी। एचआर सेवा क्षेत्र रैंडस्टैड इंडिया के अनुसार, बैंकिंग क्षेत्र में आगामी दशक में 7 से 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी। 2014 में यह सबसे ज्यादा नौकरियां प्रदान करने वाला क्षेत्र होगा।
हालांकि मणिपाल अकादमी ऑफ बैंकिंग का अनुमान है कि अगले पांच साल में ही बैंकिंग क्षेत्र में 18 से 20 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बैंकिंग क्षेत्र के विस्तार से जहां प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा ही, साथ ही इससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में भी नई नौकरियों का सृजन होगा। रैंडस्टैड के मुताबिक, ज्यादातर नौकरियां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में मिलेंगी। इन बैंकों में अगले कुछ साल में 5 से 7 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में इस अवधि में निचले और मध्य स्तर के करीब 50 फीसद कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
रैंडस्टैड इंडिया और श्रीलंका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मूर्ति के उप्पालुरी ने कहा, नए बैंकिंग लाइसेंस 2014 की पहली छमाही में जारी किए जाने की उम्मीद है। ऐसे में भविष्य में बैंकिंग क्षेत्र रोजगार के काफी अवसरांे का सृजन करेगा। बैंकिंग सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाने की सरकार की वित्तीय समावेशी योजना से भी नई नौकरियां पैदा होंगी। उप्पालुरी ने कहा, देश की सिर्फ 30 फीसदी आबादी के पास बैंक खाता है। ऐसे में बड़े बैंक ऐसे ग्रामीण बाजारों में पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं जिनका अभी दोहन नहीं हुआ है। इसी तरह की राय जाहिर करते हुए प्रतिभा आकलन कंपनी मेरिटट्रैक सर्विसेज के सीईओ वासु के सक्सेना ने कहा, नए शहरों व ग्रामीण स्थानों पर विस्तार की वजह से अगले एकाध साल में बैंकिंग क्षेत्र में नौकरियां बढ़ेंगी। सक्सेना ने कहा कि नए बैंकिंग लाइसेंसों के अलावा इस और अगले साल बैंकिंग क्षेत्र में सेवानिवृत्ति की वजह से नौकरियो में इजाफा होगा।
मणिपाल अकादमी आफ बैंकिंग के अनुसार पिछले साल सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के बैंकों में नौकरियों के लिए 4 लाख लोगों ने आवेदन किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने इनमें से 60,000 से 70,000 आवेदकों को नौकरियां दीं, वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों ने 40,000 नौकरियां दीं। (एजेंसी)
हालांकि मणिपाल अकादमी ऑफ बैंकिंग का अनुमान है कि अगले पांच साल में ही बैंकिंग क्षेत्र में 18 से 20 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बैंकिंग क्षेत्र के विस्तार से जहां प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा ही, साथ ही इससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में भी नई नौकरियों का सृजन होगा। रैंडस्टैड के मुताबिक, ज्यादातर नौकरियां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में मिलेंगी। इन बैंकों में अगले कुछ साल में 5 से 7 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में इस अवधि में निचले और मध्य स्तर के करीब 50 फीसद कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
रैंडस्टैड इंडिया और श्रीलंका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मूर्ति के उप्पालुरी ने कहा, नए बैंकिंग लाइसेंस 2014 की पहली छमाही में जारी किए जाने की उम्मीद है। ऐसे में भविष्य में बैंकिंग क्षेत्र रोजगार के काफी अवसरांे का सृजन करेगा। बैंकिंग सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाने की सरकार की वित्तीय समावेशी योजना से भी नई नौकरियां पैदा होंगी। उप्पालुरी ने कहा, देश की सिर्फ 30 फीसदी आबादी के पास बैंक खाता है। ऐसे में बड़े बैंक ऐसे ग्रामीण बाजारों में पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं जिनका अभी दोहन नहीं हुआ है। इसी तरह की राय जाहिर करते हुए प्रतिभा आकलन कंपनी मेरिटट्रैक सर्विसेज के सीईओ वासु के सक्सेना ने कहा, नए शहरों व ग्रामीण स्थानों पर विस्तार की वजह से अगले एकाध साल में बैंकिंग क्षेत्र में नौकरियां बढ़ेंगी। सक्सेना ने कहा कि नए बैंकिंग लाइसेंसों के अलावा इस और अगले साल बैंकिंग क्षेत्र में सेवानिवृत्ति की वजह से नौकरियो में इजाफा होगा।
मणिपाल अकादमी आफ बैंकिंग के अनुसार पिछले साल सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के बैंकों में नौकरियों के लिए 4 लाख लोगों ने आवेदन किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने इनमें से 60,000 से 70,000 आवेदकों को नौकरियां दीं, वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों ने 40,000 नौकरियां दीं। (एजेंसी)
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